स्वामी चिन्मयानन्द ने वेदान्त के सिद्धान्तों पर कई पाठय-पुस्तकें लिखी हैं और भगवद्गीता तथा उपनिषदों पर विज्ञान और तकनीकी में रुचि रखने वाले आधुनिक छात्रों के लिए विस्तृत भाष्य लिखे हैं। अपने अनुभव की दूर दृष्टि से उन्होंने अध्ययन का एक कार्यक्रम निर्धारित किया है। यह केवल बौद्धिक ज्ञान अर्जित करने के लिए ही नहीं है वरन् जो लोग उसके अनुसार जीवन जियेंगे वे अधिक कुशल तथा सफल बनेंगे और शान्ति और सुख भी अधिक मात्रा में अनुभव करेंगे। स्वामी जी विश्व का भ्रमण करते हुए किसी एक स्थान पर एक या दो सप्ताह से अधिक नहीं ठहर सकते। अतः उन्होंने स्वाध्याय मण्डलों के हेतु एक अध्ययन कार्यक्रम बना दिया है। स्वामी जी की अनुपस्थिति में साधक उसी के अनुसार अपना अध्ययन चला सकता है। स्वाध्याय मण्डल पुस्तक में इस कार्यक्रम की रुपरेखा है।
Friday, December 26, 2008
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