Saturday, July 25, 2009

ईशावास्य़ उपनिषद् पर वीडियो प्रवचन

ईशावास्य उपनिषद् पर 1995 में बाबाजी (परम पूज्य स्वामी शंकरानन्द जी) द्वारा मेरठ में शिविर का आयोजन हुआ था। परमात्मा कण कण में है। यह जगत ही परमात्मा का रुप है। शास्त्र कहते है जब तक गुरु के चरणों मे बैठकर श्रवण न किया जाये उपनिषद् सिर्फ शब्द है। अनुभव में नही आ सकता। ज्ञान जीवन में उतरे और अनुभव मे आये तब सफलता माने। अन्यथा बुद्धि विलास के लीए उपनिषद् की जरुरत नहीं।