Sunday, October 11, 2009

श्री हनुमान चालीसा और वेदान्त - एम पी थ्री


चालीस चौपाईयों वाली श्री हनुमान चालीसा गोस्वामी तुलसीदास जी की अनुपम रचना है। भगवान की स्तुति है ये। श्री रामचरितमानस में भगवान हनुमान जी के चरित्र को देखते हुए श्री हनुमान चालीसा एक सटीक और अदभुत रचना है। ऐसी मान्यता है कि इसको बारम्बार पढ़ने वालों को प्रभु का सानिध्य अवश्य होता है।


वक्ता परिचय


परम पूज्य गुरुजी स्वामी तेजोमयानन्द जी इस समय चिन्मय मिशन के विश्व प्रमुख है। गुरुदेव स्वामी चिन्मयान्द जी के अति प्रिय शिष्यो मे एक है। चिन्मय मिशन आज एक वृहद रुप धारण कर चुका है। ये अतिश्योक्ति नहीं होगी अगर हम ये पूछे कि विश्व में ऐसी कौन सी जगह है जहाँ चिन्मय मिशन केन्द्र नहीं है। असंख्य लोगो को आध्यात्मिक दिशा दिखाने वाली इस संस्था के मन और बुद्धि गुरुदेव है तो इसके प्राण गुरुजी है।

हनुमान चालीसा की ऐसी सुन्दर व्याख्या सिर्फ गुरुजी ही कर सकते है।


http://vedantijeevan.com:9700/tejomaya/hanumanchalisha.html

1 comment:

  1. आपको और आपके परिवार को दीपावली की मंगल कामनाएं.

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